By : SM Desk
Time :
28-05-2025  08:34:32
165
जिला चिकित्सालय अयोध्या में हुए भ्रष्टाचार में लिप्त चिकित्सा अधीक्षक विपिन वर्मा व सहयोगी कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर हो जांच : करण भूषण सिंह
भ्रष्टाचार में शामिल फार्मासिस्ट और डाटा ऑपरेटर के ऊपर भी लटकी तलवार
सासंद के पत्र को संज्ञान में लेते हुए चिकित्सा अधीक्षक रहे विपिन वर्मा को पद से हटाते हुए उनके स्थान पर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अजय कुमार चौधरी को मिला चिकित्सा अधीक्षक का प्रभार
अयोध्या, सहयोग मंत्रा। जिला चिकित्सालय पुरुष में करीब 16 वर्षों से तैनात डॉ. विपिन कुमार वर्मा के ऊपर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा है। उक्त आरोप लगाते हुए कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखा है। सांसद ने अयोध्या जिला चिकित्सालय में करीब 16 वर्षों से तैनात डॉ. विपिन कुमार वर्मा के ऊपर अस्पताल की दवा, उपकरण, और ऑक्सीजन प्लांट होने के बावजूद बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीने के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए और भ्रष्टाचार में उनका सहयोग देने वाले आउट सोर्सिंग कर्मचारी डाटा ऑपरेटर अखलेश कुमार सिंह, फार्मासिस्ट संजय कुमार गुप्ता व हनुमंत प्रसाद दुबे को तत्काल प्रभाव से हटाकर मामले की जांच कराने की अपील किया है।

उक्त प्रकरण में इससे पूर्व रुदौली विधायक राम चन्द्र यादव ने भी पत्र लिखकर जांच करने की मांग उठाई थी। वहीं अब एक बार फिर भ्रष्टाचार रूपी जिन्न को बोतल से बाहर निकालने का प्रयास वर्तमान सासंद कैसरगंज ने उठाकर पूरे स्वास्थ महकमे में हड़कंप मचा दिया हैं। उधर डाक्टर विपिन कुमार वर्मा जो कि वर्तमान चिकित्सा अधीक्षक बनाना भी अपने आप में एक पहेली बना हुआ है।
बताते चले कि डॉक्टर विपिन वर्मा से भी सीनियर कई चिकित्सक हैं जिनमें चिकित्सा अधीक्षक बनने के सारे गुण हैं उसके बाद उनके ही कुछ खास सहयोगी कर्मचारियों ने उन्हें इस पद पर लाने के लिए हर संभव मदद पहुंचाई है जो आज इनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार की मिठाई खाने में बराबर के हिस्सेदार बने हैं। जिसका एक जीता जागता उदाहरण उनका ही एक चहेता फार्मासिस्ट संजय गुप्ता का नाम है। जिनकी तैनाती तो ब्लड बैंक में है परंतु डॉक्टर विपिन का हाथ उनके ऊपर होने की वजह से वह इन दिनों मुख्य स्टोर का प्रभारी बन कर भ्रष्टाचार में उनका सहयोग कर रहा है तो वहीं दूसरा फार्मासिस्ट को उन्होंने एक साथ कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा कर उन्हें अधिक धन का लाभ पहुंचा रहा हैं जिसमें चिकित्सा प्रतिपूर्ति और अस्पताल के छोटे मोटे मरम्मत करवाने इत्यादि जैसे कार्य पूर्ण कर भ्रष्टाचार कर रहा है और इन सब को सहयोग आउट सोर्सिंग कर्मचारी डाटा ऑपरेटर के पद पर तैनात अखिलेश कुमार सिंह कर रहा है जो विभागीय स्तर पर सरकारी धनराशि को पास कर सरकारी धन को आपस में बंदरबाट कर सभी में मिठाई के रूप में पहुंचाता है।
अब देखना यह है कि क्या रूदौली विधायक के पत्र की तरह ही इस बार भी सांसद के पत्र को भी डस्टबिन में डाल दिया जाएगा या सभी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर जांच होगी। इस बाबत प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमरेंद्र कुमार सिंहा ने कुछ भी स्पष्ट रूप से बोलने से बचते नजर आ रहें हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सांसद के पत्र को संज्ञान में लेते हुए महकमे ने चिकित्सा अधीक्षक रहे डॉ विपिन वर्मा को हटाकर उनके स्थान पर रेडियोलॉजिस्ट के पद तैनात डॉ अजय कुमार चौधरी को चिकित्सा अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया हैं। वहीं त्वरित हुई इस कार्यवाही से अन्य सहयोगियों की रातों की नींद उड़ गई है और वह सभी विभाग और मंत्रियों के सूत्रों के माध्यम से सिफारिश करने में लग गए हैं।