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अम्बेडकर नगर/वसीयत के मुकदमे के दौरान लेखपाल ने किया वरासत, पीड़ित ने की कार्यवाही की मांग

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वसीयत के मुकदमे के दौरान लेखपाल ने किया वरासत, पीड़ित ने की कार्यवाही की मांग


अम्बेडकरनगर

लेखपालों के अजब गजब कारनामे से जहां लोग अपने संपत्तियों से वंचित होकर मुकदमे का दंश झेल रहे है वहीं न्यायालय में मुकदमे बोझ भी बढ़ता जा रहा है। रजिस्टर्ड वसीयत पर आपत्ति को लेकर चल रहे मुकदमे के दौरान हलका लेखपाल द्वारा वरासत किए जाने के मामले में पीड़ितों ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर वरासत को खारिज कर लेखपाल पर कार्रवाई की मांग की है।जलालपुर तहसील के अशरफपुर भुआ निवासी वीरेंद्र ने जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी सहित तहसील दिवस में दर्जनों बार शिकायती पत्र देकर कारवाई की मांग की है। पीड़ित ने बताया कि मेरे दादा का नाम राम लखन और उनके भाई राम बदल थे। मेरे सगे दादा रामलखन के दो पुत्र थे जिनका नाम क्रमशः हौसला व रतिपाल था जबकि दूसरे दादा राम बदल के एक पुत्री थी। राम बदल ने रतीपाल को गोद लेते हुए अपने हिस्से की सभी संपत्ति दे दिया था जबकि मेरे दादा राम लखन ने मेरे पिता के नशे की लत के कारण अपने जीवन काल में ही हम दोनों भाइयों के नाम रजिस्टर्ड वसीयत कर दिया। 2003 में मेरे दादा राम लखन की मृत्यु हो गई। मृत्यु केबाद रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर वसीयत बाद रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर वसीयत करने के लिए जलालपुर तहसीलदार न्यायालय में वाद दायर किया गया। जिसकी जानकारी होने पर मेरे पिता यानी हौसला प्रसाद ने इस वाद पर आपत्ति दाखिल की गई जो तब से तहसीलदार महोदय के न्यायालय पर विचाराधीन है। सन 2021 में मेरे पिता हौसला प्रसाद के द्वारा वरासत के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया लेकिन तत्कालीन लेखपाल दीपनारायण शुक्ल द्वारा जांच पड़ताल में रजिस्टर्ड वसीयत तथा उस आपत्ति होने के कारण आवेदन को विवादित श्रेणी में करते हुए तहसीलदार न्यायालय को सूचित किया गया लेकिन बीते 09 मई को दोबारा हौसला प्रसाद द्वारा वरासत के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। पीड़ित वीरेंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि हल्का लेखपाल अरुण यादव द्वारा मोटी रकम की प्रभाव में आकर न्यायालय की अवहेलना करते ही वरासत दर्ज कर दिया। इसकी जानकारी होने पर वीरेंद्र कुमार व देवेंद्र कुमार द्वारा जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी सहित तहसील दिवस में दर्जनों बार शिकायती पत्र देकर लेखपाल पर विधिक कार्रवाई करते हुए बर्खास्त करने की मांग की गई है।

इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी पवन कुमार जायसवाल ने बताया की पीड़ित द्वारा तहरीर मिलाने पर जाँच कर कार्यवाही की जाएगी।

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