जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया गया खेला
अपने सगे बहनोई की कर दी तैनाती
पकड़े जाने पर बताए कि नियम की जानकारी नहीं थी
अम्बेडकर नगर
जिला पंचायत अध्यक्ष अम्बेडकरनगर ने मा० उच्च न्यायालय में जिला पंचायत के विभागीय मुकदमों की पैरवी करने के लिए अपने सगे बहनोई श्री रामउजागिर वर्मा को नियुक्ति प्रदान की गयी है।
आरटीआई एक्टिविष्ट शाहिद मुनीर सिद्दीकी द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दी कि उ०प्र० सरकार जिला पंचायत नियमावली 1970 के अनुसार जिला पंचायत में रिस्तेदारों की नियुक्ति नहीं की जा सकती। जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा अपने बहनोई को नियमावली के विरूद्ध नियुक्ति प्रदान करने के आरोप में दण्डित करते हुए उनके बहनोई की नियुक्ति रद्द करने की मांग की।
बीबीजिसपर अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत ने अपनी रिपोर्ट में अवगत कराया कि *श्री राम उजागिर वर्मा की नियुक्ति जिला पंचायत अम्बेडकरनगर के वादों की पैरवी हेतु मा० उच्च नयायालय में मा० अध्यक्ष महोदय के आदेश दिनांक 02.12.2022 द्वारा की गयी थी। मा० अध्यक्ष महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि ऐसा कोई नियम है की जानकारी होती तो मैं नियुक्ति नहीं करता। श्री वर्मा को किसी भी गुकदमें/वाद का कोई भुगतान नहीं किया गया है। शाहिद मुनीर सिद्दीकी के शिकायत में श्री राम उजागिर वर्मा परिषदीय अधिवक्ता मा० उच्च नयायालय लखनऊ व मा० अध्यक्ष महोदय के बीच रिस्तेदारी होने की जानकारी होने पर श्री वर्मा को परिषदीय अधिवक्ता के पद पर की गयी नियुक्ति निरस्त करते हुए अन्य अधिवक्ता की नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।*
प्रश्न यह है कि विभाग से इतनी बड़ी चूक हुई कैसे मान लिया जाए कि अध्यक्ष को कानून की जानकारी नहीं है लेकिन इतना बड़ा फैसला वह अकेले तो ले नहीं सकते। परिषदीय अधिवक्ता की नियुक्ति बिना बोर्ड की सहमति के तो की नहीं जा सकती, जिस बोर्ड की बैठक में उजागिर वर्मा को परिषदीय अधिवक्ता नियुक्ति करने का प्रस्ताव पास हुआ उसमें अपर मुख्य अधिकारी भी उपस्थित रहे फिर उन्होंने अध्यक्ष के साथ साथ बोर्ड के सदस्यों को क्यों नहीं बताया कि ऐसी नियुक्ति नियम के विपरीत है। जब इतने ऊंचे स्तर पर ऐसे चीजें हो रही है तो निचले स्तर का तो भगवान ही मालिक।