सप्लाई इंस्पेक्टर और पूर्ति अधिकारी का वेतन लगभग होगा 70 हजार
आखिर कितना बड़ा क्षुद्ध हो गया जो भरता ही नहीं
जिला राशन पूर्ति विभाग के अधिकारी के क्षुब्ध नहीं भरते,,,,,, कोटेदारों से करवाते हैं राशन चोरी
कोटेदारों की क्या मजबूरी जो गरीबों के राशन को चुराते हैं
अम्बेडकर नगर। एक तरफ जहां पर उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का दावा करती हैं जिसके लिए समय समय पर भ्रष्टाचार अंकुश लगाने में कानून और कार्य में बदलाव किया गया हैं कि सरकारी लाभ देश के प्रत्येक नागरिक के पास इमानदारी से पहुंचाया जा सके परन्तु सरकार जितनी मेहनत करके नया कानून और तरीका निकालती है तो सरकार के अधिकारी कर्मचारी भी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से ज्यादा दिमाग दार चतुर और चालाक भी है। चोरी करने का नया तरीका ढूंढ ही निकालते हैं।
सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना सबसे ज्यादा गरीब नागरिकों लाभ मिलता है,,,,,,,,,,,,मुफ्त राशन
गौरतलब है कि सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना और सबसे ज्यादा संख्या में नागरिकों को लाभ मिलने वाला गरीबों को मुफ्त में राशन घर घर पहुंचाना, लेकिन इसका लाभ पूरी तरीके से मिल पाना असम्भव
जनपद के कोटेदारों की सभी दुकानें इ-वेइंग स्केल (इडब्ल्यूएस) से जोड़ी जाएंगी। यानि इ-पोस मशीनों को कांटे से जोड़ा जाएगा। इडब्ल्यूएस के साफ्टवेयर में कार्डधारक की यूनिट दर्ज होंगी। अंगूठा लगने पर कांटा यूनिट के अनुसार तौल करेगा। इस प्रणाली में घटतौली होने के कोई संभावना नहीं है।
जब इस योजना की जानकारी हेतु मीडिया ने बसखारी विकास खंड के दर्जनों गांवों के सरकारी गल्ले की दुकान का भ्रमण किया तो बहुत ही बड़ा घोटाला/भ्रष्टाचार सामने आया किसी भी गांव में कोटेदार द्वारा गरीबों का पूरा राशन नहीं दिया जा रहा, जबकि विगत कुछ माह पहले सरकार ने राशन बांटने के मशीन भी बदल दिया पर पूर्ति निरीक्षक के दबाव के चलते कोटेदार चोरी करने के लिए मजबूर हैं।
जिला राशन पूर्ति विभाग के अधिकारी के क्षुब्ध नहीं भरता,,,,,, कोटेदारों से करवाते हैं राशन चोरी ।
सरकार द्वारा ई पास मशीन का संचालन किया गया जिससे गरीब को पूरा राशन मिल सके अब खेला यही से शुरू होता है उसके लिए परिवार के किसी सदस्य का फिंगर तभी लगेगा जब तौल मशीन पर राशन का वजन पूरा होगा लेकिन कोटेदार साहब अब तो खुलेआम चोरी करने पर उतारू हो गए हैं जिसमें ज्यादातर कोटेदारों को देखा गया डबल इलेक्ट्रॉनिक तराजू का प्रयोग करते हैं पहला जहां पर फ्रिगर लगता है वहां पर पूरा राशन तौल करेंगे और वह राशन स्पेशल बोरा में भरा जाता है और उसी बोरे को बार बार सभी उपभोक्ताओं के लिए उपयोग किया जाता है जबकि पात्रों को मिलने वाला राशन दूसरे तराजू से तौल कर दिया जाता है, कुछ कोटेदार को देखा गया पूरा राशन देने के बाद दुबारा गरीबों के बोरे में राशन कोटेदार द्वारा निकाल ले रहा है यहां तक कुछ कोटे की दुकान पर तो लोहे का 10 -20 किलो का बाट रखकर फिंगर लगवाया जाता है और राशन दूसरे दिन दिया जाता है।
कोटेदारों की क्या मजबूरी जो गरीबों के राशन को चुराते,,,,,,,,,,,
जब इस बारे में औपचारिक बातचीत कोटेदारो ने मजबूरी जानना चाहा तो एक ही बात सामने आया मुजाहिद पुर ग्राम सभा का जाहिद नाम के कोटेदार द्वारा विकास खंड बसखारी के सभी कोटेदार से 30 रूपया प्रति कुंटल की दर से वसूलता है फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर कोटेदारों द्वारा यह भी बताया गया यह कोटेदार अपने मन से पैसा नहीं लेता है। इसके पीछे पूर्ति निरीक्षक का आदेश है क्योंकि पूर्ति निरीक्षक कोटेदारों से डायरेक्ट घूस का पैसा लेने से डरते हैं इसलिए अपने सबसे खास और विश्वनीय कोटेदार के माध्यम से पैसा वसूली करते और अगर पूरा राशन तौल किया जाता है कुछ राशन भी कम रहता है इससे मजबूर होकर कोटेदार द्वारा गरीबों को कम राशन दिया जाता है।
कोटेदार लिए दोनों तरफ खाई अगर सप्लाई को वसूली करके नहीं देंगे तो वह कलम कलम लेकर दौड़एगा और कोटा ही सस्पेंड कर दिया फिलहाल कोटेदार वसूली करके सप्लाई इंस्पेक्टर को दे रहा है तो कहीं ना कहीं कोटेदार का भी हिस्सा लगता होगा अब मीडिया बीच में आ गई अब कोटेदार करें तो क्या करें मीडिया पोल खोल रही है कोटेदार मजबूरी में बताते हैं कि हम चोरी अपने लिए नहीं कर रहे हैं साहब के लिए कर रहे हैं। उसमें से कुछ बहारन बटोरन हमको भी मिल जाता है।
सप्लाई इंस्पेक्टर और पूर्ति अधिकारी का वेतन लगभग 70 हजार होगा ,,,,,,, आखिर कितना बड़ा क्षुद्ध हो गया जो भरता ही नहीं
इसके बारे में जब पूर्ति निरीक्षक से सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने फोन वार्ता पर बताया हर जगह पूरा राशन मिलता है और बोले कोटेदार का नाम बताओ जो कम राशन दें रहा है कार्यवाही करेंगे परन्तु जब मीडिया द्वारा मुजाहिद पुर के जाहिद कोटेदार का नाम बताते हुए मिलने का समय मांगा तो पूर्ति निरीक्षक द्वारा फोन काट कर स्वीच ऑफ कर दिया जाता है इससे साफ लगता जो जाहिद द्वारा कोटेदार से पैसा लिया जाता है उसमें पूर्ति निरीक्षक कहीं न कहीं इस राशन चोरी करवाने अहम भूमिका है।