जलालपुर,अम्बेडकरनगर, सहयोग मंत्रा।मालीपुर थाना के सुल्तानपुर खुर्द (जफरपुर मुर्गजार) गांव में स्थित विवादित स्थल पर मुस्लिम धर्म के लोगो द्वारा उर्स का मेला लगाए जाने की सूचना पर हिंदू अक्रोशित हो गए। आसपास के गावों के दर्जनों हिंदू आयोजन स्थल पहुंच अपना विरोध जताने लगे।
हिंदू संगठनों की सूचना पर उपजिलाधिकारी ने तथ्यों को छिपाकर लिया गया आदेश को रद्द कर दिया और पुलिस को भेज तंबू कुर्सी आदि हटवा दिया।
मालूम हो कि कोरोना काल के दौरान से उपजिला मजिस्ट्रेट जलालपुर के आदेश पर हिंदू मुस्लिम धर्म से संबंधित किसी भी आयोजन पर उक्त स्थल पर रोक लगा दिया गया तथा इससे संबंधित एक बोर्ड यहां लगा दिया गया।
विवाद को देखते हुए यहां महीनो पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बीते चार वर्ष से यहां कोई आयोजन नही किया गया। पिछले सप्ताह उर्स आयोजको द्वारा तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम करने का आदेश प्राप्त कर लिया। जबकि तीन वर्ष पहले मालीपुर पुलिस की रिपोर्ट पर उपजिला मजिस्ट्रेट ने इसे विवादित स्थल घोषित कर दिया गया और किसी प्रकार के आयोजन पर रोक लगा दिया गया था।
उपजिला मजिस्ट्रेट सदानंद सरोज ने बताया कि आयोजको ने यहां पूर्व से लगी आयोजन पर रोक को छिपाकर कार्यक्रम कराने का आदेश मालीपुर पुलिस की रिपोर्ट पर प्राप्त कर लिया। जानकारी होने पर आदेश को तत्काल रद्द कर दिया गया और कार्यक्रम स्थल से टेंट कुर्सी समेत अन्य सामान हटवा दिया गया है।
क्या पूरा मामला है ...
जलालपुर तहसील के ग्राम पंचायत सुल्तानपुर खुर्द(जफरपुर मुर्गजार) में अति प्राचीन खंडहर का अवशेष है। लगभग 12 बीघा में फैले इस खंडहर रूपी अवशेष को हिंदू जहां राजा सुहेलदेव का किला वही मुस्लिम इसे फकीर साहनूर बाबा की मजार बताते है। राजस्व अभिलेख में अवशेष का कोई जिक्र नहीं है अपितु इसे तालाब और बंजर खाता में दर्ज किया गया है। कोरोना काल खत्म होने के बाद मुस्लिम धर्म से जुड़े लोगो ने यहां उर्स के आयोजन की अनुमति मांगी थी। जब यह बात हिंदू संगठन के अरविंद पाण्डेय को लगी तो उन्होंने राजभर संगठनों के सहयोग से इसका विरोध शुरू कर दिया।
उस समय भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ मिथलेश त्रिपाठी ने राजभरो के इस किला के संरक्षण के लिए शासन को पत्र लिखा था। बवाल बढ़ता देख उस समय के थानाध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने उपजिला मजिस्ट्रेट को एक रिपोर्ट दी थी जिस पर तत्कालीन मजिस्ट्रेट ने सभी आयोजन पर रोक लगा दिया था। उर्स मेला के आयोजको को शांति भंग में चालान कर दिया गया था। विवादित स्थल में एक बोर्ड लगाकर यहां पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। मामला शांत होने के बाद पुलिस हटा ली गई और बोर्ड गिरकर टूट गया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान मंत्री ने राजा सुहेलदेव की मूर्ति लगवाने की थी घोषणा
हिंदू संगठनों के बुलावे पर यहां आए पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इसे राजा सुहेलदेव का क़िला माना और यहां राजा सुहेलदेव की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो सका।
कटेहरी विधानसभा में आए मुख्यमंत्री ने किला को संरक्षित कर जीर्णोध्वार का दिया आदेश
बीते रविवार 8 अगस्त को कटेहरी विधानसभा में योजनाओ के शिलान्यास को पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरहूरपुर के जफरपुर मुर्गजार में स्थित राजा सुहेलदेव के खंडहर रूपी अवशेष को संरक्षित करने का आदेश दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इसकी रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया था।
तहसील से लेकर पुलिस विभाग में तत्समय के सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण हो गया है। मुस्लिम धर्म से संबंधित लोगो ने पूर्व के विवाद से संबंधित तथ्य को छिपाकर कार्यक्रम करने का आदेश जारी करा लिया था। पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद आदेश को रद्द कर दिया गया और आयोजको द्वारा लगाए जा रहे टेंट कुर्सी आदि को हटवा दिया गया।
- राकेश श्रीवास्तव