IMA पदाधिकारियों के आने पर बंद हुई OPD
अयोध्या, सहयोग मंत्रा। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में शुक्रवार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर के डाक्टरों से शनिवार को ओपीडी बंद करने की घोषणा किया था।
जिसके देर शाम अयोध्या संगठन की अध्यक्ष डॉ. मंजूषा पांडेय के नेतृत्व में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा था और कहा कि शनिवार को सुबह 6 बजे रविवार की सुबह 6 बजे तक ओपीडी सेवा बंद रखा जाएगा। इस बीच इमरजेंसी सेवाए बाहर रहेंगी।
परंतु शनिवार को जिला पुरुष व महिला चिकित्सालय में ओपीडी सुबह से चालू कर दी गई । इसकी सूचना जब आईएमए के पदाधिकारियों को मिली तो संगठन के उपाध्यक्ष डॉ. हरिओम यादव अपने निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें अस्पताल की समस्त ओपीडी चलती दिखाई दिया।
उन्होंने सभी ओपीडी कक्ष में जाकर डॉक्टरों से अपील किया कि ओपीडी बंद कर दी जाए। इसके बाद भी जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ. आशीष श्रीवास्तव अपना कक्ष बंद कर अंदर ओपीडी करते रहे जबकि पदाधिकारियों में उनकी पत्नी डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव भी आई थी । इसके बाद संगठन की जिला अध्यक्ष डॉ. मंजूषा पांडेय भी जिला पुरुष व महिला चिकित्सालय पहुंची। तब तक ओपीडी बंद हो चुकी थी।
उन्होंने देशवासियों से भी अपील किया कि उनके स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की इमरजेंसी नियमित चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने डाक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार से अपील किया है कि हमे भय मुक्त होकर अपनी सेवा देने का भरोसा दिलाया जाय तभी हम चिकित्सा सेवा देने में सक्षम होंगे।
IMA के पदाधिकारी जिला महिला अस्पताल पहुंचकर महिला अस्पताल में चल रहे अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर रेडियोलॉजिस्ट से बात की। बात करने वालों में आईएमए की अध्यक्षा डॉ. मंजूषा पांडेय, उपाध्यक्ष डॉ. हरिओम यादव, डॉ. ए के कुशवाहा, डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
पत्रकारों का काम करना हुआ मुश्किल
इस देशव्यापी डॉक्टरों के हड़ताल की पड़ताल करने गए पत्रकार को OPD कर रहे डॉक्टर के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा।
आपको बता दें कि यह मामला राजकीय श्रीराम अस्पताल अयोध्या का है जहां शनिवार को सुबह लगभग नौ बजे जब पत्रकार अस्पताल पहुंचा तो उस समय अस्पताल में डॉक्टर इंद्रभान विश्वकर्मा के कक्ष की OPD चलती मिली।
जब पत्रकार ने फोटो खींचने का प्रयास किया तो वहां मौजूद दलाल ने पत्रकार का मोबाइल पकड़ लिया। कक्ष संख्या 9 में बैठे डॉक्टर को आवाज लगाई और कहा कि साहब यही फलां पत्रकार है।
जिससे घटना से क्षुब्ध पत्रकार ने CMS अवगत कराने के लिए गया परंतु सीएमएस के मौजूद न रहने पर अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी वाई पी सिंह से किया। वाई पी सिंह द्वारा पत्रकार की सुरक्षा का मौखिक रूप आश्वासन दिया गया। कहा कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृति नही होगी।
ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाए घटती रहेंगी, क्या वे अपना कार्य सुचारू ढंग से कर पाएंगे या अस्पताल में बैठे ऐसे दलालों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं।
- महेश शंकर