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अयोध्या : सोलर रूफ टॉप लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर पंचायतीराज संस्थाएं होंगी लाभान्वित

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संस्थाओं को मिलेगी एक हजार रुपए प्रति घर प्रोत्साहन राशि
अयोध्या, सहयोग मंत्रा। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ ग्रामीण इलाकों में जल्दी पहुंचाने के लिए अब ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका निभाएगा।

   ग्रामीण आबादी में सोलर रुफ टॉप लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर पंचायतीराज संस्थाओं को एक हजार रुपए प्रति घर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
   मतलब यह कि सोलर रुप टाप लगवाने वाली पंचायती राज संस्थाएं भी योजना से लाभान्वित होंगी। विभाग ने सभी जिला परिषदों को इस बारे में पत्र जारी किया है।“स्थानीय निकायों के लिए प्रोत्साहन“ घटक शहरी स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी अन्य शहरी स्थानीय निकाय) और पंचायती राज संस्थान (ग्राम पंचायत) को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

    केन्द्र सरकार की पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ ग्रामीण इलाकों में जल्दी पहुंचाने के कार्य मे अब ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका निभाएगीं। ग्रामीण आबादी में सोलर रुफ टॉप लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर पंचायतीराज संस्थाओं को एक हजार रुपए प्रति घर प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
     विभाग ने सभी जिला परिषदों को इस बारे में पत्र जारी किया है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत जारी निर्देशों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी जिला परिषदों को सौंपी है। निर्देशों में कहा गया है कि फरवरी में शुरु हुई पीएम सूर्य घर के तहत एक करोड़ घरों को 300 मासिक यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए रुफ टॉप सौर ऊर्जा स्थापित किया जाना है।
    पंचायतीराज संस्थाओं को इस योजना में एक हजार रुपए की राशि प्रति घर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि के रुप में उपलब्ध कराई जाएगी। लिहाजा पंचायतीराज संस्थाओं को योजना के संबंध में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। प्रोत्साहन राशि से ग्राम पंचायतों की आय बढ़ेगी।
   योजना में प्रोत्साहन राशि ग्राम पंचायतों के खाते में जाएगी। यदि ग्राम पंचायत सौ घरों में भी प्रोत्साहित करती है, तो उसके खाते में एक लाख रुपए पहुंचेंगे।
     ज्यादा घरों से यह राशि और ज्यादा होगी तो इस राशि का उपयोग ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो में उपयोग किया जा सकेगा। पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था में ग्राम पंचायत कार्यकारी संस्था और पंचायत समिति व जिला परिषद् मॉनिटरिंग संस्था मानी जाती है।

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