logo

कारोबार मंत्रा : वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ आउटलुक में सुधार होने तक स्विगी आईपीओ से दूर रहे निवेशक : ब्रोकरेज

Blog single photo

नई दिल्ली , सहयोग मंत्रा । इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और कई ब्रोकरेज फर्म की ओर से निवेशकों को फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के आईपीओ में पैसा नहीं लगाने की सलाह दी गई है। साथ ही कहा गया है कि कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ आउटलुक में सुधार होने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए।
स्विगी का आईपीओ 6 नवंबर से रिटेल निवेशकों के लिए खुल रहा है। कंपनी की योजना पब्लिक इश्यू के जरिए 11,327.43 करोड़ रुपये जुटाने की है।
स्विगी आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये मूल्य के 11.54 करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 6,828.43 करोड़ रुपये मूल्य के 17.51 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) शामिल है।
सैमको सिक्योरिटीज ने निवेशकों को एक नोट में कहा कि जब तक स्विगी बेहतर वित्तीय परिणाम और स्थायी विकास के लिए एक स्पष्ट रास्ता नहीं दिखाती तब तक इंतजार करना निवेशकों के लिए अधिक विवेकपूर्ण फैसला होगा।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 24 में स्विगी ने घाटा दर्ज किया था। हाल ही में मुनाफे में आई इसकी मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनी जोमैटो के मुकाबले स्विगी की मौजूदा वित्तीय स्थिति, बाजार में प्रतिस्पर्धा और वैल्यूएशन को देखते हुए आईपीओ ओवर-वैल्यूड प्रतीत होता है।
स्विगी ने पिछले वित्त वर्ष में 2,350 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। हालांकि, यह वित्त वर्ष 23 में हुए 4,179 करोड़ रुपये के घाटे से 44 प्रतिशत कम था। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की आय 36 फीसदी बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि इससे पिछले साल 8,265 करोड़ रुपये थी।
ब्रोकरेज फर्मों के अनुसार, 2014 में अपनी स्थापना के बाद से ही स्विगी लगातार घाटा दर्ज कर रही है। इसकी वजह उच्च ऑपरेशनल लागत का होना है।
बजाज ब्रोकिंग ने अपने नोट में कहा कि स्विगी के बिजनेस में बड़ी रिस्क जोमैटो, जेप्टो और बाजार में आ रही नई कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा होना है।
ब्रोकिंग फर्म ने आगे कहा कि स्विगी के साथ सबसे बड़ी रिस्क यह है कि कंपनी आय के लिए केवल भारत के शीर्ष 50 शहरों पर निर्भर है। खाद्य वितरण नियमों में बदलाव के कारण स्विगी को संभावित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में निवेशकों को केवल लंबी अवधि का नजरिया रखते हुए निवेश करना चाहिए।

footer
Top