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रायबरेली : शिक्षकों-छात्रों को बताया मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

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रायबरेली , सहयोग मंत्रा। एम्स में मानसिक रोग विभाग के द्वारा बाल्य एवं किशोरावस्था उम्र के बच्चों में सामान्य रूप से होने वाली व्यवहारिक मानसिक बीमारियों की जानकारी व प्रशिक्षण के लिए शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसका शुभारंभ कार्यकारिणी निदेशक डॉ अरविंद राजवंशी व डीन डॉ नीरज कुमारी ने किया। कार्यक्रम में ज़िले के विभिन्न विद्यालयों से आये सैकड़ों अध्यापकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 
   इस एक दिन के बाल्य एवं किशोरावस्था उम्र के बच्चों में सामान्य रूप से होने वाली व्यवहारिक मानसिक बीमारियों की जानकारी मानसिक रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि शुक्ला व मनोवैज्ञानिक विकास कुमार रावत ने दी।
   इस दौरान रोल प्ले के माध्यम द्वारा अध्यापकों को प्रशिक्षित भी किया गया। मनोचिकित्सक डॉ रश्मि ने मानसिक कमजोरी, एडीएचडी, ऑटिस्म, पढाई में मन न लगना एवं अन्य बच्चों में होने वाली मानसिक बीमारियों के लक्षणों के बारे में जानकारी दी और यह भी बताया कि इन बीमारियों से बच्चे अक्सर स्कूल में प्रभावित होते है तथा इन लक्षणों को पहचानने में अध्यापकों की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है ।
   अतः यह कार्यक्रम मुख्यतः अध्यापकों के लिए आयोजित किया गया है । कुछ अध्यापकों ने अपने अनुभव भी साझा किए। इन बीमारियों के लक्षणों की जानकारी ना होने की वजह से बच्चों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ।

   मनोवैज्ञानिक विकास ने बताया इन समस्याओं से किस प्रकार बच्चों के व्यवहार में छोटे छोटे बदलाव करके रोका जा सकता है व सही समय पर मनोचिकित्सक से सलाह लेकर इनको ठीक भी किया जा सकता है ।

   इस कार्यक्रम में, एम्स के श्री यू एन राय,  डॉ अर्चना , डॉ प्रगति , डॉ गौरव मौजूद रहे ।  

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