भक्ति पथ व कनक भवन मार्ग अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें...
दिन में सकरी सड़कें रात में लगती हैं चौड़ी, आए दिन होती दुर्घटनाएं जिम्मेदार बने मौन..
अयोध्या,सहयोग मंत्रा। अयोध्या धाम की हृदय स्थली भक्ति पथ कनक भवन रोड की तस्वीर देखिए। येलो जोन प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बाद भी ई-रिक्शा वाहनों की लम्बी कतारें मंदिर परिसर के अंदर तक यात्रियों को ढोते है ई-रिक्शा वाहन चालक।
जानकार बताते हैं कि ई-रिक्शा चालक नो एंट्री बता कर यात्रियों से चार गुना ज्यादा किराया वसूलते हैं। आम आदमी प्रशासन पर प्रश्न उठता है कि आखिर ई-रिक्शा चालक प्रतिबंधित क्षेत्र यलो जोन में आते किधर से हैं जबकि प्रत्येक गाड़ियों की एंट्री पर प्रशासन गाड़ियों का नंबर एंट्री करता है ऐसे में कहीं ना कहीं प्रशासन की घोर लापरवाही सामने देखने को मिलती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र में ऐसी भी चारपहिया गाड़ियां भ्रमण करती हैं जो रहते तो अयोध्या के किसी कोने में परंतु यलो जोन का पास बनवाकर प्रतिबंधित क्षेत्र यलो जोन में भ्रमण करते रहते हैं। जब कि अक्सर आतंकी संगठन अयोध्या को लेकर आए दिन कोई न कोई घटना को अंजाम देने की खबर फैलाते रहते हैं ।
पुलिस प्रशासन को जुलाई 2005 की घटना से सबक लेना चाहिए और ऐसे वाहनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
प्रशासन द्वारा कभी-कभार अतिक्रमण अभियान भी चलाया जाता है लेकिन वह केवल खानापूर्ति मात्र बन कर रह जाता है। भक्ति पथ मार्ग से कनक भवन मार्ग पर ज्यादातर वी आई पी व वी वी आई पी आला अधिकारियों का भी आना जाना रहता है लेकिन समस्याओ पर कोई भी अधिकारी ध्यान नही देना चाहता है।
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दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण, उस पर सोने पे सुगाहा ठेला खोमचा पटरी दुकानदार यह सब मिल कर भक्ति पथ ,कनक भवन मार्ग की खुबसूरती में जाम का दाग लगाते है। कुछ पटरी ठेला दुकानदार तो आपने आप को पुलिस का अपना रिश्तेदार बताते हैं। तस्वीर शाम की है। परन्तु कुल मिला कर स्थित ऐसी रोजाना रहती है। यह देख कर भी जिम्मेदार मौन है। अतिक्रमण व पटरी दुकानदारों का कब्जे को नजरंदाज करने का क्या कारण है। यह तो हुजूर ही जानें। लेकिन रात में इसी सड़क पर निकल जाइये, यकीन मानिए यह सड़क आपको चौड़ी लगेगी। पर जब दिन में इसी सड़क पर निकलिए तो लगेगा कि कुछ दूरी तय करने के लिए काफी समय लग रहा है। सुबह 7 बजते ही दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण तथा पटरी दुकानदारों के लगते ही धीरे-धीरे सड़क सकरी होने लगती है। सड़कों पर खड़े दोपहिया वाहन समस्या को और बढ़ा देते हैं। राहगीरों के लिए सड़कों का बहुत कम हिस्सा ही बचता है। जिस पर किसी तरह से वाहन खिसकते रहते है। कभी कभार तो हालत ऐसी हो जाती है कि पैदल चलने के लिए भी आपको इंतजार करना पड़ता है।
दुकानदारों द्वारा सड़क पर अपनी दुकानों के समान सजाए जाते हैं। कहीं कहीं तो दुकान से पांच-छः फीट आगे तक दुकान सजाई जाती है। मंदिर को जानें वाले रोड में खाने पीने के लगने वालें ठेलों ने तो बाकायदा सड़क पर बैठने के लिए बेंच तथा कुर्सी का इंतजाम कर अस्थाई रेस्टोरेंट बना लिया है। कनक भवन भक्ति पथ की तरफ तो एक से बढ़कर एक रेस्टोरेंट ही सड़क पर बना दिए गए हैं। यहां तो पैदल चलना ही दूभर है। इन सब के बीच ई रिक्शा से सवारिया तथा माल सप्लाई करने वाले ई रिक्शा चालक जबरदस्ती यात्रियों के बीच घुसते चले जाएंगे तथा गलत तरीके से वहान को चलते हैं एवं उसे लेकर दुर्घटना भी कर लेते हैं एवं रिक्शा को लेकर पलट जाते हैं ।
अयोध्या के प्राचीन कनक भवन मंदिर परिसर में ई-रिक्शा चालकों की अव्यवस्था और मनमानी वसूली से श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही
अयोध्या पुलिस प्रशासन की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद ई-रिक्शा चालकों की अव्यवस्था जारी है।
श्रद्धालुओं की परेशानी
ई-रिक्शा चालक श्रद्धालुओं से निर्धारित रेट से ज्यादा किराया वसूलते हैं और मंदिर परिसर में अव्यवस्था फैलाते हैं।
स्थानीय नागरिकों की चिंता
स्थानीय नागरिकों को ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से चिंता है कि यह अव्यवस्था शहर की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है।
समाधान की मांग
स्थानीय नागरिक और श्रद्धालु ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कसने और नियमों का पालन करने की मांग कर रहे हैं।