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सुल्तानपुर: प्रदूषण रहित होगा पशुओं का अंतिम संस्कार

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दो करोड़ 21 लाख 53 हजार की लागत से तैयार होगा मवेशियों का विद्युत शवदाह गृह , पशुओ की मौत की दुर्गन्ध से बचेंगे लोग ..

पूरी तरीके से ईको फ्रेंडली होगा पशु शव दाह गृह,लौ से पशुओं का हो सकेगा अंतिम संस्कार हो सकेगा...

सुलतानपुर, सहयोग मंत्रा। अब प्रदूषण रहित तरीके से पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। इसके लिए प्रशासन ने नगर पालिका परिषद के मवेशियों के विद्युत शवदाह गृह बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। वही नगर पालिका परिषद द्वारा जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। अब जल्द ही 2 करोड़ 21 लाख 53 हजार की लागत से मवेशियों का विद्युत शवदाह गृह बनकर तैयार होगा।


   शहर से 4 किलोमीटर दूर अयोध्या-प्रयागराज बाईपास मार्ग के किनारे स्थित कमनगढ़ क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे मवेशियों के विद्युत शवदाह गृह बनाने को लेकर प्रशासन ने नगर पालिका परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिले में पहली बार बेजुबान आवारा मवेशियों व पशुपालक के मवेशियों की मौत के बाद शव को जलाने के लिए श्मशान घाट बनाये जाने की तैयारी की जा रही है। जिसके बन जाने से आवारा पशुओं से लेकर पशुपालकों (किसानों) के लिए भी यह उपयोगी साबित होगा साथ ही प्रदूषण रहित तरीके से पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। 

गेट, बाउंड्रीवाल, शेड के नीचे होंगे इलेक्ट्रिक प्लांट

2 करोड़ 21 लाख 53 हजार की लागत से बनकर तैयार होने वाले मवेशियों के विद्युत शवदाह गृह में इलेक्ट्रिक मशीन इस तकनीक से लैस होगी कि मवेशियों के अंतिम संस्कार के बाद किसी प्रकार की कोई दुर्गंध नहीं आ सकेगा। साथ ही वहां पर गेट, बाउंड्रीवाल, शेड के नीचे इलेक्ट्रिक प्लांट, गार्ड रूम, ऑफिस रूम, पीने के पानी एवं लोगों के बैठने की भी व्यवस्था रहेगी। 

  नगर पालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि सड़क पर या शहर में अन्य खुले स्थानों पर पशुओं ककी मृत्यु होने के बाद उनके शवों को खुले में छोड़ देते हैं जिससे वातावरण दूषित होता है। इस प्रदूषण को कम करने और शहर को साफ- सुथरा रखने के लिए यह पशु शवदाह गृह उपयोगी होगा। यह पशु शव दाह गृह पूरी तरीके से ईको फ्रेंडली होगा।

   नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद्र सरोज ने इस बाबत बताया कि पशुओं के शवदाह गृह की जमीन चिन्हित कर ली गई है। बिजली से चलने वाले उपकरण व एक लौ के उपकरण में ऑयल होगा जिसके लौ से पशुओं का अंतिम संस्कार हो सकेगा। यह इलेक्ट्रिक मशीन इस तकनीक से लैस होगी कि अंतिम संस्कार के बाद किसी प्रकार की कोई दुर्गंध नहीं आ सकेगा जिससे पर्यावरण पर भी किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं हो सकेगा। अधिशासी अधिकारी लालचंद्र ने बताया कि इस विद्युत संयत्र के शुरू हो जाने से सार्वजनिक स्थानों पर पशुओं के शव फेंके हुए भी नजर नहीं आएंगे और प्रदूषण पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा।
- श्रवण शर्मा 

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