सुल्तानपुर, सहयोग मंत्रा। लाख हिदायतों के बाद भी कुछ ग्राम प्रधान कायदे कानून को ताख पर रख धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और उनपर यह मुहाबरा सटीक बैठता है “खाता ना बही, प्रधान जो करें वही सही“।
दरअसल यह मामला है ग्राम पंचायत भौरियार का जहां शिकायतकर्ता मकसूद खान निवासी ग्राम पंचायत भौरियार, विकास खण्ड प्रतापपुर कमैंचा द्वारा जिलाधिकारी को 27 मार्च 2024 को यह शिकायत की गई की ग्राम प्रधान नाम मत्स्य पालन पट्टा तालाब पर मनरेगा की 13.231 लाख वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्च कि जो नियम विरुद्ध हैं।
इस शिकायत की जांच डीएम द्वारा डीसी मनरेगा को दी गई। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में जिला स्तरीय कमेटी गठित हुई थी। जिसमे जिला कृषि अधिकारी व सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जांच अधिकारी बनाये गए और उनके द्वारा 3 मई 2024 को जांच कर आख्या दे दी गई थी।
आख्या में यह सिद्ध हुआ कि इनके द्वारा स्वयं के नाम पर 2017 में मत्स्य पालन का पट्टा हुआ है और उस पट्टे पर 2022/23 में मनरेगा योजना के तहत तालाब की खोदाई कराई गई जिसमें 13.231 लाख धनराशि व्यय की।
डीसी मनरेगा के.डी गोस्वामी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि उपलब्ध शाशन की गाइड लाइन में यह कही नही है कि प्रधान स्वयं के पक्ष में तालाब का खुदाई कार्य करा सके, इस लिए इसको दुरपयोग की श्रेणी में मानते हुए वसूली प्रस्तावित हुई है।
- श्रवण शर्मा