सुलतानपुर, सहयोग मंत्रा। गंगा जमुनी तहजीब व अमन शन्ति का प्रतीक विश्व का सबसे ऊॅचा अलम सुलतानपुर के चर्चित ग्राम अमहट में बनाया जा रहा है जिसकी चर्चा देश विदेश में की जाती है।
इस अंदाज का पहला अलम जर्मन में बनाया गया था जिसकी ऊॅचाई 45 फिट थी दूसरा पाकिस्तान के लाहौर में बनाया गया था जिसकी ऊॅचाई 50 फिट थी तीसरा अलम भारत मे उत्तर प्रदेश के जनपद सुलतानपुर के चर्चित ग्राम अमहट में पहली बार 2010 में बनाया गया था। जिसकी ऊॅचाई 60फिट थी।
अब यह अलम हुसैनिया नौतामीर अमहट के सामने अंजुमन असगरिया अमहट की तरफ से लोहे के मीनार पर बनाया जा रहा है जिसकी ऊॅचाई 110 फिट होगी जो विश्व के सबसे ऊॅचे अलम के नाम से प्रसिध्द है। जिसकी जियारत बुधवार को रात मे होने वाली शब्बेदारी व 18बनी हाशिम के शबीह ताबूत के जुलूस के मौके पर करायी जायेगी। जिसमें सुलतापुर के अलावा अन्य जनपदों के लोग भी भाग लेते हैं।
याद रहे आज से 1400साल पहले करबला के मैदान में जब यजीद इंसानियत का कत्ले आम करके इंसानियत को मिटाना चाह रहा था तो मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम नेअपने अलम को बुलंद करके अपनी शहादत पेश करके अमन और शान्ति की अपील की थी और भारत देश में आने की तमन्ना की थी हमारा भारत देश दुनिया का अनोखा देश है जो अमन शान्ति इंसानियत मानवता प्रेम से पहचाना जाता है। इसी लिए इंसानियत के मसीहा हुसैन की याद में हम लोग भी अलम बुलंद करके सारी दुनिया से अमन शान्ति की अपील करते हैं यह जानकारी हैदर अब्बास खॉ अध्यक्ष हुसैनी शिया वेलफेयर एसोसिऐशन सुलतानपुर ने दी है।
डीएम को लिखे पत्र में शिक्षक ने लोक सेवकों पर लगाए गंभीर आरोप
जिलाधिकारी को लोकसेवकों से सम्बंधित एक पत्र सौंपा गया, जिसमें शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरूजी“ ने आरोप लगाया है कि अन्य लोक सेवक जनपद की लोक समस्याओं/सच्चाई सुनने से डीएम से दूर रखते हैं।
पत्र में लिखा है कि जिले के लोक सेवकों में पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता न होने के कारण जनमानस में जिला प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ रहा है जिससे डीएम की ईमानदार छवि भी धूमिल होने की आशंका है। शिक्षक ने पत्र में लिखा है कि वितरण न्याय अंत्योदय, नेचुरल जस्टिस आदि लोक कल्याणकारी कार्य के अनुक्रम में लोकसेवकों के कार्य व्यवहार में विचलन से समाज के शोषितों-पीड़ितों-हकवंचितों को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति का दायित्व बन जाता है।
निषाद ने पत्र में लिखा है कि लोगों की सेवा, सुरक्षा एवं न्याय करना लोक सेवकों का विधिक कर्तव्य है यदि 13 अगस्त, 2024 को डीएम के समक्ष प्रस्तुत 9 सूत्रीय मांग पत्र व सिटी मजिस्ट्रेट को दिए गये 48 पीड़ितों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो अपने संवैधानिक मूल अधिकार का प्रयोग करते हुए पीड़ितों व न्याय प्रिय साथियों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए बाध्य होंगे।