समस्या का समाधान न होने पर उच्चाधिकारियों को निराकरण हेतु भेजेंगे पत्र - ग्रामीण
बीघापुर/उन्नाव , सहयोग मंत्रा। विगत दो दिवसों से अत्यधिक कटौती को विधुत विभाग की 'नाकामी कहें या ग्रामीण उपभोक्ताओ के साथ छलावा 'लचर विधुत समस्या को लेकर लगभग एक दर्जन गाँव प्रभावित हैं । ऐसे में विभाग की उदासीनता को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है।
ग्रामीणों की उदासीनता की यह खबर भगवंत नगर विधानसभा के अंतर्गत निहाली खेड़ा विधुत उपखंड के बक्सर फीडर की दुर्दशा की है। जिसको लेकर आये दिन फाल्ट का रवैया बरकार है। ग्रामीणों ने बताया कि कहने को योगी की सरकार निर्बाध विधुत सप्लाई का वादा करती है पर सारे दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहें हैं। पूर्व में यह फीडर भगवंत नगर से जुड़ा हुआ था तब भी दिक्कतें ज्यों का त्यों थी। यह स्थिति कई वर्षों से ऐसी ही बनी हुई है । अधिकारीयों के तबादले होते रहे और वे अपना कोरम पूरा करते रहे। किसी ने कहा लोड ज्यादा है।
एक पावर हॉउस की व्यवस्था बक्सर से ऊंचगांव के मध्य की जानी चाहिए, किसी ने प्रयास किया तो जगह की समस्या आ गयी तो किसी ने कहा प्रस्ताव भेज दिया। वहीँ किसी ने विधायक तो किसी ने सांसद और यहाँ तक ऊर्जा मन्त्री तक को पत्र भेजा पर हालात ज्यों का त्यों ही रहे समय बीतता गया पर किसी प्रकार के सुधार देखने को नहीँ मिले।
काफी मस्कक्तों के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर जनता का दबाव देखने को मिला तो बक्सर फीडर भगवंत नगर से काटकर निहालीखेड़ा उपकेंद्र से जोड़ खानापूर्ति कर दी गई पर आज भी हालात पहले जैसे ही है। लोगों को दिन में लो वोल्टेज का सामना करना पड़ रहा है ।
अब सवाल है कि किससे कहे जिससे समस्या का निराकरण निकले। पिछले सप्ताह से लेकर दो दिवसों में बारिश का कारण रहा हो अन्य कोई कारण बिजली न आने से जनता का आक्रोश सातवें आसमान पर है।
अब ग्रामीण करें तो क्या उनको प्रतीत हो रहा है कि न तो उनके पास खुद का कोई पॉवर है और न मोबाइल चार्ज करने का पॉवर जिससे वह अपनी बात किसी से कह सके। अब बात किसी भी तरह से संबंधित पॉवर हाउस के जेई महोदय तक पहुंचाने का नंबर आया तो पता चला कि उनका खुद का मोबाइल स्विच ऑफ है और नजदीकी पॉवर हॉउस के जेई कहते हैं मेरे पास फोन करने की क्या जरूरत।
यह दशा है विधुत विभाग के अधिकारियों की तब पता चला कि स्वंय अधिकारियों के मोबाइलों को चार्ज़िंग के लिए भी लाले पड़ें हैं तो आमजनमानस का क्या होगा।
ऐसी स्थिति में जब ग्रामीणों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान में मिलने वाला मिट्टी का तेल(केरोसिन ऑइल) भी देखने को नहीँ मिलता ऐसे में खाना मोमबत्ती की रोशनी या टार्च की रोशनी में घर की महिलाओं को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सुनील शुक्ला,प्रमोद यादव,धीरेंद्र श्रीवास्तव,सतीश वर्मा,डब्बू सिंह,कन्हैया सिंह,दिलीप सिंह,रामदुलारे पाल,बब्बन सिंह, आनंद प्रजापति,सूरज शुक्ला आदि ग्रामीणों ने कहा उक्त समस्या का निस्तारण अति शीघ्र होनी चाहिए।
- अनिल प्रजापति