बिजली निजीकरण के खिलाफ कांग्रेस ने दी चेतावनी
Lucknow: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ उठ रही आवाजों को कांग्रेस पार्टी ने खुला समर्थन दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का पूरा ध्यान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के बजाय पावर कारपोरेशन को निजी हाथों में सौंपने पर केंद्रित है, जो पूरी तरह से जनविरोधी कदम है।उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली दरों में भारी इजाफा होना तय है। इससे सबसे अधिक असर किसानों, गरीबों और आम नागरिकों पर पड़ेगा।
अजय राय ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार बिजली विभाग के निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है, उससे किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली योजनाएं बंद हो जाएंगी और आम आदमी को पहले से चल रही महंगाई में और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यदि उद्योगों और व्यापारियों को महंगी बिजली मिलेगी तो उसका सीधा असर उत्पादन लागत पर पड़ेगा। नतीजतन, हर वस्तु महंगी होगी और उसका आर्थिक बोझ भी आम जनता पर ही पड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बिजली जैसे मूलभूत सेवा क्षेत्र को निजी हाथों में सौंप रही है, जो राज्य के करोड़ों लोगों के हितों के खिलाफ है। कांग्रेस पार्टी इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है और बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को अपना समर्थन देती है।
अजय राय ने यह भी कहा कि बिजली जैसी सेवा का निजीकरण केवल मुनाफे की सोच के तहत किया जा रहा है, जबकि सरकार की जिम्मेदारी जनता को सस्ती और सुचारु बिजली सेवा देना होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह कदम वापस नहीं लिया तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
- ब्यूरो रिपोर्ट