फर्जी लाइसेंस से कारतूसों की बिक्री, गन हाउस मालिक समेत पाँच गिरफ्तार
अम्बेडकरनगर
अपराध नियंत्रण अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक केशव कुमार के निर्देशन में हंसवर थाना पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर कारतूसों की खरीद-फरोख्त का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने गन हाउस मालिक, मुनीम और तीन अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
अवैध पिस्टल से खुला पूरा खेल
15 अगस्त को बसखारी निवासी अनुराग यादव को अवैध पिस्टल के साथ हंसवर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। उसके मोबाइल की जांच में पता चला कि वह आजमगढ़ निवासी ज्ञानचंद से कारतूस खरीदता है। ज्ञानचंद को दबोचने पर उसके पास से फर्जी शस्त्र लाइसेंस और कारतूस मिले।
गन हाउस का काला सच
पूछताछ में खुलासा हुआ कि अकबरपुर स्थित अवध गन हाउस पर इन्हीं फर्जी लाइसेंस के जरिए भारी मात्रा में कारतूस खरीदे गए थे। पुलिस ने दुकान को तत्काल सीज कर दिया। रजिस्टर जांच में एक ही व्यक्ति द्वारा अलग-अलग नाम से हस्ताक्षर किए जाने का मामला भी सामने आया।
गिरफ्तार आरोपी
ज्ञानचंद, निवासी आजमगढ़ – फर्जी लाइसेंस मास्टरमाइंड
सुखीलाल वर्मा, मालिक अवध गन हाउस, अकबरपुर,विकास कुमार, मुनीम अवध गन हाउस_आर्यन यादव उर्फ शनि, बसखारी – हत्या मामले का आरोपी_हेमंत यादव उर्फ सन्नू, बसखारी बरामदगी_10 जिंदा कारतूस (.315 बोर),2 फर्जी शस्त्र लाइसेंस,मोटरसाइकिल,संदिग्ध गन हाउस रजिस्टर
बड़ा सवाल – कहाँ थी निगरानी?
फर्जी लाइसेंस पर लंबे समय से कारतूसों की धड़ल्ले से बिक्री होती रही और विभागीय निगरानी में चूक होती रही। पुलिस अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है ताकि फर्जी लाइसेंस बनाने वाले गिरोह तक पहुंचा जा सके।