मामले को लेकर कोर्ट में विचाराधीन है मुकदमा
अयोध्या, सहयोग मंत्रा। दर्शन नगर बाजार में विवादित जमीन का मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद भी अधिकारियों ने अपने होहदे का फायदा उठाकर जमीन पर कब्जा करवाने पर अड़े रहे। हालांकि यह स्थिति तब है जब विवादित जमीन पर यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश है। बहुत पुरानी कहावत है कि समरथ को नहीं दोष गोसाईं, जब ताकतवर अन्याय पर उतर आएं तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए।

मामला दर्शन नगर क्षेत्र में विवादित जमीन के मामले को लेकर राजकुमार बनाम रामबाबू आदि के नाम कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है। मामले में दोनों तरफ से मुकदमे की पैमाईश भी हुई है और यथा स्थिति बरकरार रखने का भी आदेश जारी किया गया है। इसके बावजूद 17 जून 2025 को एसडीएम राम प्रसाद त्रिपाठी, लेखपाल विशाल पांडेय, लेखपाल नेहा गुप्ता, कानून गो बृजनाथ द्विवेदी, गोसाईगंज के नायब तहसीलदार दुर्गा प्रसाद राजकुमार के चल रहे मुकदमे में जबरदस्ती कब्जा करवा रहे थे। राजकुमार जब घर के पीछे गए तब देखा कि विवादित स्थल पर आला अधिकारी जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं, तब आला अधिकारियों ने कहा आज हम कब्जा करवा कर ही जाएंगे जो आपको करना है वह करिए । हम कोर्ट को नहीं मानते हैं।
प्रार्थी राजकुमार ने कहा अधिकारियों से कहा कि साहब इस जमीन का मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है और तारीख भी चल रही है। उसका आरोप है कि एसडीएम राम प्रसाद त्रिपाठी ने गाली देते हुए कहा कि मैं कोर्ट के आदेश को नहीं जानते हैं, आज कब्जा करवा करके ही जाऊंगा, जो करना है आप करिए। पीड़ित राज कुमार का कहना है पूरे मामले का वीडियो भी उसके पास सुरक्षित रखा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि फरियादी जाए तो कहां जाए, जब न्याय देने वाले ही अन्याय करने पर उतारू हो जाएं। आखिर पीड़ित अपनी फरियाद कहां करे, न्यायालय के आदेशों का पालन कराने वाले जिम्मेदार ही आदेश का पालन न करें तो किससे न्याय की उम्मीद की जाए। क्या ऐसे बेलगाम अधिकारियों कर्मचारियों के ऊपर कोई कार्रवाई होगी या ऐसे ही ये अधिकारी बेलगाम काम करते रहेंगे।
- ब्यूरो रिपोर्ट