अम्बेडकरनगर, सहयोग मंत्रा। तापमान बढ़ने के साथ ही जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में लगभग 1100 मरीजों की ओपीडी हुई। इसमें लगभग 100 ऐसे मरीज थे, जो उल्टी दस्त से पीड़ित थे। ज्यादातर का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर लगभग एक दर्जन मरीजों को भर्ती किया गया। डायरिया के प्रकोप से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है। आसमान से बरसती आग व गर्म हवा के थपेड़ों से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। इन सबके बीच जिले में डायरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। तापमान बढ़ने के बीच जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग एक माह पहले जहां लगभग औसतन 800 मरीजों की ओपीडी होती थी, तो वहीं मौजूदा समय में मरीजों की संख्या एक हजार से ऊपर हो गई है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई। सुबह से ही मरीजों का जिला अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। देखते ही देखते पर्ची व दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई। मरीजों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दिन में लगभग 1100 मरीजों की ओपीडी हुई। इसमें 100 से अधिक मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित थे। रामनगर से आए रवि कुमार ने बताया कि उनके पिता रामजतन (65) देर रात डायरिया की चपेट में आ गए। उन्हें सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी प्रकार टांडा के छज्जापुर निवासी शमशेर अली ने कहा कि उनकी पत्नी रेहाना (35) को डायरिया से पीड़ित होने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर उन्हें भर्ती किया गया है। शहजादपुर निवासी राजेंद्र (55) को उल्टी दस्त के बीच जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी प्रकार कई अन्य मरीज भी डायरिया से पीड़ित होकर जिला अस्पताल पहुंचे।