हकीकत बताने से कतरा रहे बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी
अम्बेडकरनगर
वाह रे बिजली विभाग। करे कोई भरे कोई वाली कहावत बिजली विभाग पर बिलकुल फिट बैठ रही है। लगभग आठ महीने पहले खबर प्रकाशित किया गया था उपभोक्ता देवो भव का स्लोगन भी सिर्फ कागजी ही नजर आ रहा है। बिजली बकाए और बिजली चोरी में तेजी से कार्रवाई करने में माहिर विद्युत विभाग के कदम तब ठहरने लगते हैं जब उन्हीं के अभियंताओं की गर्दन फंसने लगती है। बताया जा रहा है कि बिजली विभाग में चल रहा है अवैध तरीके से पोल लगाने का खेल खेला जा है, शासन स्तर से बिजली व्यवस्था सुधारने की कवायद जहां जोरों पर है और उपभोक्ताओं को सुविध
प्रदान करने की तमाम व्यवस्थाएं मुक्कमल कराई जा रहीं हैं, वहीं जनपद अम्बेडकरनगर के टांडा उपखंड के अंतर्गत आने वाले उपकेंद्र बलया जगदीशपुर से चल रही सप्लाई पकड़ी भोज मौर्य बस्ती के पीछे राम केवल मौर्या के घर से अशोक कुमार गुप्ता के घर तक लगभग 10 पोल की एलटी सिंगल फेस लाइन अवैध रूप से अवर अभियंता वा संविदा लाइनमैन द्वारा बनाई गई है जिसका एस्टीमेट तो पता नहीं, सवाल यह है कि बिजली विभाग के अधिकारी ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी कर 10 पोल लगा दिए। मीडिया के द्वारा जानकारी करने पर पता चला कि जे ई साहब के माध्यम से यह कार्य किया गया है। अब इसको लेकर विभागीय अधिकारियों की
कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। क्षेत्रीय अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद भी विभागीय अधि कारी सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। मीडिया ने पड़ताल की तो लाइन खिंची मिली और पोल भी लगे हुए थे। मगर इस मामले में जेई और संविदा लाइनमैन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। हैरत की बात है कि इन पोल लगने के बारे में उच्चधिकारियों को जानकारी है या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो लंबा घोटाला निकाल कर सामने आएगा। हालांकि देखना लाजिमी होगा कि इस मामले में भ्रष्ट जेई के खिलाफ विद्युत विभाग उच्चाधिकारी कार्रवाई अमल में लाते हैं, या कार्रवाई का आश्वासन सिर्फ आश्वासन तक ही सिमट कर रह जाता है।
खबर प्रकाशित होने के बाद टांण्डा बिजली विभाग के जेई ने कार्यवाही में एफआईआर दर्ज करवाकर इतिश्री ले लिया
प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को बचाने के लिए एड़ी से चोटी लगा दिया और बिजली उपभोक्ताओं के एफआईआर दर्ज करवाकर प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता ने इतिश्री ले लिया
खण्ड-टाण्डा के अधीन 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र बलया जगदीशपुर, टाण्डा पर अवर अभियन्ता के पद पर दिनांक 23.08.2024 तैनात हूँ। ग्राम पकड़ी भोजपुर में अवैध लाइन निर्माण के विषय में सूचना प्राप्त होने पर मेरे द्वारा दिनांक 12.10.2024 को निविदाकर्मी दिवाकर उपाध्याय के साथ निरीक्षण किया गया था जिसमें पाया गया कि ग्राम पकड़ी भोजपुर में उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता जिसका संयोजन संख्या -45432एक्सएक्सएक्सएक्सएक्स है, तथा जो संयोजन सौभाग्य योजना में निर्गत हुआ था । उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता का संयोजन लम्बी दूरी की सर्विस केबिल के द्वारा हुआ था परन्तु उपभोक्ता के द्वारा सर्विस केबिल के स्थान पर 10 पोल सहित लगभग 400 मीटर ए०बी० केबिल की एल०टी० लाइन का निर्माण बिना विद्युत विभाग के पूर्वानुमति के अवैध रूप से कराया गया है। उक्त अवैध लाइन निर्माण को उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता पत्नी श्री अशोक कुमार गुप्ता द्वारा स्वंय के स्तर से किया जाना स्वीकार किया गया है। पोल को देखने पर 08 पोलों पर सौभाग्य योजना तथा 02 पोल पर र.ड.स.स. योजना की मार्किंग पायी गयी है। जांच के दौरान विद्युत उपकेन्द्र बलया जगदीशपुर पर कार्यरत दिवाकर उपाध्याय, संविदा श्रमिक द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि श्रीमती सरिता गुप्ता द्वारा रखी गयी केबिल को दिवाकर उपाध्याय द्वारा माह जुलाई, 2024 में खींचा गया है। निरीक्षण के दौरान उपभोक्ता द्वारा अवैध लाइन निर्माण स्वंय के स्तर से कराया जाना स्वीकार किया गया है तथा उपरोक्त प्रकरण में ग्राम प्रधान, गाम पंचायत-पकड़ी भोजपुर, वि०ख० टाण्डा से पूंछताक्ष करने पर उनके द्वारा लिखित रूप से प्रमाण पत्र भी दिया गया है कि लम्बी दूरी की केबिल बार-बार टूट जाने के कारण उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता द्वारा स्वंय कहीं से पोल व तार लाकर 04 माह पूर्व ही लाइन निर्माण किया गया है। उसपर केबिल र.ड.स.स. योजना का के कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि जो आजमगढ़ के थे, नाम अज्ञात से केबिल लेकर लाइन का
वाह रे बिजली विभाग। करे कोई भरे कोई वाली कहावत बिजली विभाग पर बिलकुल फिट बैठ रही है।
प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता एफआईआर में आरोप लगाया कि उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता जिसका संयोजन संख्या -45432एक्सएक्सएक्सएक्सएक्स है, तथा जो संयोजन सौभाग्य योजना में निर्गत हुआ था । उपभोक्ता श्रीमती सरिता गुप्ता का संयोजन लम्बी दूरी की सर्विस केबिल के द्वारा हुआ था परन्तु उपभोक्ता के द्वारा सर्विस केबिल के स्थान पर 10 पोल सहित लगभग 400 मीटर ए०बी० केबिल की एल०टी० लाइन का निर्माण बिना विद्युत विभाग के पूर्वानुमति के अवैध रूप से कराया गया है। लेकिन प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता ने जुर्माने की रकम नहीं दर्शाया कहीं ऐसा तो नहीं जुर्माना न भरवा के अपनी जब गर्म कर ली बहुत से ऐसे सवाल जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है वैसे तो जनता कहती है बिजली विभाग सबसे भ्रष्ट विभाग और चोर विभाग है वैसे बदनामी का दाग बार-बार बिजली विभाग पर लगता है
जिस तरीके प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता आरोप लगाया है
आम जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या प्रदीप कुमार पाण्डेय अवर अभियंता , संविदाकर्मी दिवाकर उपाध्याय क्या पता ही नहीं कि उनके ही क्षेत्र में 10 पोल के कनेक्शन दे दिए गए और मीडिया द्वारा खबर प्रकाशित होने के पश्चात दो पल दिखाकर फिर भी करवा दिया गया, दो पोल बिना बिजली विभाग के अधिकारी यह कर्मचारी के मिलने से लग गया था वैसे जब अपने गले पर तलवार लटकती है तब नोकर शाही भूल जाते हैं तब नोकरी याद आती है कहीं चली न जाए.....