शासन प्रशासन से शहीद की वीरांगना ने न्याय की गुहार लगाई
शहीद की वीरांगना को पहले तो 22वर्षों तक कोई मदद नहीं दी, और जब धरने पर बैठी तो प्रशासन द्वारा की गयी मदद भी 8साल तक छिपायी गयी और अधूरी दी गयी, इस बात से क्षुब्द होकर भारतीय शहीद मेमोरियल ट्रस्ट ने जिलाधिकारी/मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।
अमर शहीद निर्मल कुमार की वीरांगना श्रीमती शोभावती देवी ने भारतीय शहीद मेमोरियल ट्रस्ट के पास पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई
ग्यात हो अमर शहीद निर्मल कुमार बल संख्या 89200957 निवासी कहरा सुलेमपुर, पोस्ट परस कटुई, तहसील अकबरपुर, जनपद अम्बेडकर नगर जो सीमा सुरक्षा बल 109वीं वाहिनी के गुल्म ऍफ में सन् 1989 से कार्यरत थे, परन्तु 18 अगस्त 1996 कों नालवाड़ी आसाम में उग्रवादियों के साथ मूठभेड़ में शहीद हो गये थे।
शहीद निर्मल कुमार के परिवार को शहीद की शहादत के बाद से जून 2018 तक कोई भी किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं प्रदान की गयी थी परन्तु जून 2018 मे शहीद की वीरांगना द्वारा जब जनपद मुख्यालय अम्बेडकर नगर पर धरना दिया तो उस समय मात्र 2 बिस्वा भूमि का कागज ही तत्कालीन तहसीलदार श्री गिरवर सिंह जी द्वारा शहीद की वीरांगना श्रीमती शोभावती देवी को अनेक परिजनों ग्रामवासियों के सामने ही प्रदान किया था परन्तु शहीद की वीरांगना को मार्च 2025 को ग्यात हुआ की उस समय दो और गाटों पर भूमि आवंटित किया गया था जिसकी सूचना ना तो शहीद परिवार को दी गयी और ना तो किसी और को! जो नियमत: गलत है, शहीद की वीरांगना श्रीमती शोभावती देवी के पत्र से ग्यात हुआ कि वीरांगना को 10 मार्च 2025 को सूत्रों से पता चला की 12 जून 2018 को वीरांगना शोभावती देवी के नाम पर गाटा संख्या 231व गाटा संख्या 261 पर क्रमशः गाटा क्षेत्रफल 0.1140 व 0.0250 की भी भूमि शहीद परिवार को आवंटित की गयी थी पर जिसकी सूचना शहीद परिवार के किसी भी सदस्य को नही दी गयी।
भारतीय शहीद मेमोरियल ट्रस्ट के प्रबंधक मो0मुहिउद्दीन खान ने इस बात की जानकारी होते है ट्रस्ट की सभा बुलायी जिसमे ट्रस्ट अध्यक्ष विघाराम विश्वकर्मा द्वारा तत्काल शासन प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया और शहीद की वीरांगना को हर सम्भव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया ट्रस्ट के उपाध्यक्ष वागीश मिश्रा ने कहा की शहीद परिवार को जल्द से जल्द उसको प्रदत्त जमीन पर कब्जा प्रशासन द्वारा दिलवाया जाये अन्यथा शहीद परिवार के साथ हुये शासन प्रशासन द्वारा इस अन्याय के सम्बन्ध मे आन्दोलन करने मे भी ट्रस्ट के पदाधिकारी पीछे ना रहेगें।
अमित प्रजापति