अम्बेडकर नगर, सहयोग मंत्रा। जनपद के खंड शिक्षा क्षेत्र बसखारी में वेस्टीज हिल्टन स्कूल बसखारी स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
प्रबंधन से लेकर शिक्षको ने ध्वजारोहण के बाद स्वतंत्रता दिवस यात्रा निकाली और गीत संगीत का कार्यक्रम बच्चों ने किया ।
शोभायात्रा में संचालन प्रबंधन से लेकर शिक्षक तक ने जिम्मेदारी से बखूबी निभाई औ बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। वेस्टइंडीज स्कूल में बच्चों की शिक्षा अच्छे टीचरो के द्वारा द्वारा कराई जाती है। बच्चों ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया ।
फिलहाल देखा जाए तो वेस्टइंडीज स्कूल बेहतर शिक्षा और सुविधा प्रदान कर रही हैं। जिस के प्रोग्राम में बच्चों के अभिभावक भी मौजूद रहे ।
आपको बताते चलें कि 15 अगस्त हिन्दुस्तान की आजादी का दिन है। इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी की जंजीरों से जकड़े भारत ने पहली बार आजाद आसमां के नीचे स्वतंत्रता की सांसें लेनी शुरू की थी। 15 अगस्त का यानी आजादी को घर से लेकर स्कूल, कॉलेज, निजी सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान, अस्पताल हर जगह झंडा फहराकर मनाया जाता है।
जिन्होंने भारत माता को अंग्रेजी दास्ता से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
15 अगस्त पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही भाषण और गीत भी सुनाए जाते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ वह नारा है, जिसने प्रत्येक भारतीय की रग में आजादी के लिए जोश भर दिया था। हमारे क्रांतिकारियों के विचार हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।
हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और हमारे सांस्कृति और सामाजिक मूल्यों को सजाकर कर रखना चाहिए।हम "सत्यमेव जयते" के संदेश पर चलकर अपने विचारों और कर्मों में सच्चाई और न्याय की अनिवार्यता समझें और राष्ट्र और समाज के विकास में योगदान दें।
आइए, स्वतंत्रता दिवस पर इस संकल्प को आत्मसात करें और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें।भारत को आजादी यूं ही नहीं मिली, इसके लिए हमारे वीर क्रांतिकारियों ने अपने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया। इंकलाब जिंदाबाद, तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा, अंग्रजों भारत छोड़ो, ये वो नारे थे जिन्हें हमारे क्रांतिकारी लेकर चले और भारत मां को अंग्रेजी दासता से मुक्त करवाया।महात्मा गांधी ने "अहिंसा परमो धर्मः" के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और लाखों लोगों को सत्याग्रह और असहयोग आंदोलनों में हिस्सा लेकर अंग्रेजों से आजादी के लिए लड़ाई लड़ी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे वीरों ने हमें स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व अर्पण करने की प्रेरणा दी।