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अम्बेडकर नगर: ग्रामीणों की आशा निराशा में बदलने लगी , अमृत योजना ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

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 टंकी का  निर्माण नहीं हो पाया पूरा

लगभग दस से पंद्रह सोलर  पैनल  चोरी

अम्बेडकर नगर , सहयोग मंत्रा। विकास खण्ड बसखारी ग्राम पंचायत हरैया जल जीवन मिशन के तहत आज से कोई दो वर्ष पहले जब ग्रामीण इलाकों में ‘हर घर नल जल योजना’ की पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया गया था तो ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी कि जल्द ही उनके घरों में पाइप लाइन की टोंटी से पानी आयेगा। ग्रामीण फूले नहीं समा रहे थे। उनकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था। लेकिन अब उन्हीं ग्रामीणों की आस निराश होने लगी है।



‘हर घर नल जल योजना’ की पाइप गांवों तक पहुंच तो गई, लेकिन पानी अभी भी लोगों की पहुंच से दूर बना हुआ है। और लोग पानी का कनेक्शन भी कर लिए हैं लेकिन ग्रामीणों की आशा निराशा में बदलने लगी क्योंकि अभी पानी की सप्लाई चालू हो नहीं पाई ट्रायल भी हो चुका है लेकिन अभी टंकी का  निर्माण नहीं हो पाया और लगभग  दस  सोलर पैनल चोरी भी हो गया लगभग कई महीने से कार्य भी बंद पड़ा आखिर दस सोलर  पैनल  चोरी का कौन जिम्मेदार कार्य दायी फॉर्म m/s.WeIspn Kaveri   Intrapr0Jects Jv कंपनी जिम्मेदार होगी या फिर ठेकेदार जिम्मेदार होगा ।

  आखिर जो कनेक्शन ग्रामीणों को दे दिए गए हैं और पानी नहीं पहुंच रहा है अब उनके मन में भी सवाल उठ रहा है कहीं ऐसा तो नहीं बिना पीए ही बिल जमा करना ना पड़ जाए , और जो सोलर पैनल चोरी हो गया फिर से सरकार के धन को चुना तो नहीं लगाया जाएगा । यही हाल सभी ग्रामीण इलाकों  है, हालत यह है कि पिछले दो वर्षों से ‘अमृत जल’ की चाहत में हरैया नगरवासी विविध समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं।जब अमृत जल योजना के अंतर्गत नगरवासियों को अमृत जल पिलाने की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हुई तो लोगों में उम्मीद जगी थी कि चलो अब उन्हें शुद्ध जल पीने को मिलेगा। शुद्ध एवं प्यूरीफायर जल के लिए लोगों ने इस योजना में प्रस्तावित शुल्क के भुगतान का मन में सवाल बना हुआ, लेकिन देखते देखते करीब दो वर्ष बीत गए और अब यह योजना लोगों को ‘विष वितरण योजना’ लगने लगी है।

अमृत योजना ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

पिछले दो वर्षों में इस योजना ने पूरे शहर की सड़कों, गलियों तक , लोगों को पता नहीं पहुंच पाएगा। इस योजना की कार्य की गति को देख यह कह पाना कठिन है कि यह कब पूर्ण होगी। नगर निवासी का कहना  हैं, “अमृत जल योजना के नाम पर पूरे नगर की सड़कों को खोद कर खोखला कर दिया गया है। इससे लोगों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। लोगों को बरसात में सड़क पर बने गड्ढों की वज़ह से जोखिम उठाना पड़ रहा है।”

नगर के अमूमन सभी रास्तों का गड्ढों के रूप में बदल जाना, राहगीरों का धूल फांकना, घरों एवं दुकानों का धूल से सराबोर हो जाना, दुर्घटनाएं होना- अमृत योजना का हिस्सा रहा है। इस योजना के अंतर्गत जहां सड़कें बनाई भी जा रही हैं, वो कामचलाऊ ही लग रही हैं। बनने के बाद नगर की अधिकांश सड़कें एक बरसात झेलने की स्थिति में नहीं रही हैं। सड़क कहीं बैठ जा रही है तो कहीं उखड़ जा रही है और कहीं तो बनने के बाद फिर से खोद दी जा रही है। धूल से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। बीमारियां फैल रही हैं और गड्ढों से दुर्घटनाएं हो रही हैं।

गड्ढेदार रास्तों पर तो लोग गिरते-पड़ते, धूल फांकते किसी तरह निकल भी जाते हैं पर कई जगह पर चेम्बर्स और सीवर बनाने के नाम पर लम्बी अवधि के लिए रास्ते भी बंद कर दिए जा रहे हैं। 

मौके पर जाकर वहां देखा गया तो रास्ते के साथ काम भी बन्द था। दो तीन मजदूर (जो बाहरी प्रतीक हो रहे थे) वहां पर बैठे, सोते पाए गए। ठेकेदार का नाम पूछने पर उन्होंने सूरज सिंह का नाम लिया, लेकिन मोबाइल नंबर वो नहीं दे सके। वहां की स्थिति को देखते हुए योजना के देर होने के कारणों का अंदाजा लगाना कठिन नहीं था। 

इस सम्बन्ध में जब अमृत जल योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर, एक्सीएन से फोन पर जानकारी लेनी चाही तो मोबाइल नाटरीचेबल बता रहा था। 

पानी की आस में पथराने लगीं आंखें

बसखारी विकास खंड के कई गांवों में ‘हर घर नल जल योजना’ की धज्जियां उड़ती हुई नज़र आ रही हैं। योजना के नाम पर पाइप लाइन बिछाने के बाद टोटी लगाना जहां संबंधित कार्यदाई संस्था के लोग भूल गए हैं वहीं दूसरी ओर पानी की टंकी का ढांचा ढाल कर महीनों से काम ठप पड़ा हुआ है।

ग्राम पंचायत हरैया में घरों के बाहर महीनों से पाइप लाइन बिछने के बाद ग्रामवासी पानी के इंतजार में टोटी विहीन पाइप को देखकर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कच्छप गति से चल रहे कार्य को देख कर कह पाना मुश्किल है कि यह कब तक पूरा हो जाएगा।

ग्रामीणों का कहना है कि पाइप लाइन बिछने के बाद उम्मीद थी कि जल्द ही अब उनके घरों में शुद्ध पानी टोटी के जरिए आना प्रारंभ होगा, लेकिन अब यह भी सपना सरीखा प्रतीत होने लगा है।

गांव तक पाइप ही पहुंचे, पानी नहीं

युवा पत्रकार विजय कुमार जायसवाल कहते हैं कि, “हर घर नल जल योजना के तहत महीनों पहले विन्ध्याचल के घमहापुर ग्राम सभा में लोगों के घरों के बाहर पानी की पाइपें तो डाल दी गईं लेकिन अभी तक पानी आना प्रारंभ नहीं हो पाया है। जबकि यहां पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है। ‘हर घर नल जल योजना’ से ग्रामीणों के अंदर पानी की समस्या दूर होने को लेकर एक नई आशा जगी थी, लेकिन अब गांव वालों की आशा निराशा में बदलती हुई नजर आ रही है।”

महीनों से योजना का काम बंद

हर घर नल जल योजना के तहत घमहापुर ग्राम सभा में पानी की टंकी का ढांचा खड़ा कर संबंधित अधिकारी और ठेकेदार उसे पूरा करना भूल गए हैं। ग्रामवासी महीनों से पानी के इंतजार में कभी टोटी विहीन पाइप लाइन को निहारते हैं तो कभी पानी टंकी के ढ़ांचे को देख अपने को कोसते हैं। जबकि सरकार का लक्ष्य 2004 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने का था। जिसे पूर्ण होने में महज दो महीने शेष बचे हैं। ऐसे में 2024 में कैसे हर घर तक नल के जरिए शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो पायेगी यह बता पाना मुश्किल है।

पानी टंकी की सुरक्षा में लगे कर्मियों को वेतन के लाले

नमामि गंगे योजना के तहत ‘हर घर नल जल योजना’ के लिए पानी की टंकियों की देखभाल के लिए तैनात सुरक्षा कर्मियों को पिछले चार महीने से वेतन के लाले पड़े हुए हैं। वेतन न मिलने पर पिछले दिनों सुरक्षा कर्मियों ने हलिया विकास खंड क्षेत्र के बरहुला स्थित नमामि गंगे के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के सामने कार्य बंद कर कई घंटे तक प्रदर्शन किया था।

सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि ’25 सुरक्षा कर्मियों को पानी की टंकी की देखभाल करने के लिए तैनात किया गया है।

- अमित प्रजापति

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