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Ayodhya News: वाह रे यूपी के प्रधान: मौजूदा प्रधान महिला लेकिन प्रधानी कर रहे बाबू साहब

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मिल्कीपुर, अयोध्या, सहयोग मंत्रा। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में इस समय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की भरमार हो गई है। एक तरफ सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण का अभियान चलाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ उनके अधिकारों से वंचित भी किया जा रहा है ताजा मामला विकासखंड अमानीगंज क्षेत्र के मंझनपुर गांव का है जहां पर महिला प्रधान किरन रावत 'प्रधान' तो बन गई लेकिन प्रधानी उनके लड़के प्रदीप कुमार चलाते है। प्रधान हुए किरन रावत को 5 वर्ष पूरे होने वाले है। और ग्राम पंचायत निधि का करोड़ों रुपए का खजाना खर्च हो चुका है।
गांव के कुछ लोगों द्वारा नाम न छापने की शर्तों पर बताया है कि गांव में विकास कार्य कहीं नहींं दिख रहा है। सामुदायिक शौचालय मंझनपुर की केयरटेकर का कहना है कि जब से शौचालय बना है। तब से आज तक विद्युत पोल की व्यवस्था नहीं हो पाई है। और पानी भरने में दिक्कत पड़ती है एक हैंड पंप लगा है लेकिन वह भी खराब चल रहा है मौके की स्थिति यह है। कि ना तो हैंड पंप सही है और ना ही हैंडपंप पर चौकी बनी है। और ना ही शौचालय पर जाने के लिए चार सालों में रास्ता बन पाया है। मजे की बात तो यह है कि लाखों रुपए से बना पंचायत भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है ना तो उसकी रंगाई पुताई की गई है और ना ही आने जाने का रास्ता बना है।
लोकतंत्र की पहली सीढ़ी कही जाने वाली ग्राम पंचायतों में महिलाओं को उनके कार्य से वंचित किया जा रहा है। हकीकत जानना हो तो अयोध्या जिले के विकासखंड अमानीगंज की ग्राम पंचायतों में चले जाइए जहां पर ऐसे ऐसे गांव हैं। जहां पर प्रधान प्रतिनिधि का दबदबा कायम है। जैसे कि मंझनपुर, मोहली, महुआ, वरवा की ग्राम पंचायत को देख लीजिए तो गांव की मुखिया महिला ग्राम प्रधान हैं लेकिन प्रधानी के अधिकार प्रतिनिधित्व के रूप में कोई और कर रहा है।
ग्राम पंचायत निधि से इन 5 सालों में करोड़ो रूपये खर्च हो गए,मनरेगा योजना में तालाबों में खुदाई के नाम पर बड़ा बजट खर्च हुआ लेकिन आज भी तालाब सूखे पड़े हैं, गांव की सड़कों से साफ सफाई व्यवस्था चौपट है। आपको जानकारी होना जरूरी है कि ग्राम पंचायत में सबसे ऊंचा पद प्रधान का होता हैं. आम भाषा में, मुखिया का मतलब सबसे बड़ा व्यक्ति होता है, किरन रावत ग्राम पंचायत मंझन पुर की मुखिया है जिनका काम है ग्राम पंचायत को संभालना, गाँव के लोगों की समस्याओं को हल करने में समर्थ होना, लेकिन उनके पास ही बहुत बड़ी बड़ी समस्या है तो वह लोगों की समस्याएं कैसे हल करे।
चौंकाने वाला खुलासा
विकासखंड अमानीगंज की ग्राम पंचायत में महिला ग्राम प्रधान तो है लेकिन ग्राम प्रधान की जगह पर प्रधान प्रतिनिधि का नंबर लिस्ट में लगा हुआ है। जब कोई व्यक्ति ग्राम प्रधान से बात करना चाहे तो प्रधान पद्धति से बात कर सकता है जबकि शासनादेश के अनुसार प्रधान का प्रतिनिधि हो ही नहीं सकता। लेकिन न जाने किस प्रलोभन में आला कमान के अधीनस्थ कर्मचारी इस बात पर गौर क्यों नहीं कर रहे हैं यह सोचने का विषय है। जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सूर्य प्रकाश मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे कार्यकाल में अभी कोई मीटिंग नहीं की गई है मीटिंग करने से पहले सभी ग्राम प्रधानों को पत्र जारी कर दिया जाएगा जिसमें प्रधान ही मीटिंग में पहुंचे जो नहीं पहुंचेगा उसके खिलाफ डीएम साहब को पत्र जारी कर कार्यवाही की मांग की जाएगी। वहीं मंझनपुर पंचायत भवन पर रोड ना होने की बात पूछी तो बताया कि उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर को इस मामले में अवगत करा कर पंचायत भवन के लिए रास्ता चिन्हित किया जाएगा।

- उमा शंकर तिवारी 

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